2030 तक घर-घर EV पहुंचाने के लिए भारत सरकार को करना होगा ये काम, CII रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Electric Vehicle Charging Station Infrastructure: भारत को यातायात और जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखते हुए देश भर में चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए एक मजबूत रीढ़ की आवश्यकता है, क्योंकि इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए बाधाओं को तोड़ना है.
Electric Vehicle Charging Station Infrastructure: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर भारत सरकार का खासा फोकस है. सरकार का मकसद 2030 तक 18000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) को स्थापित करने का है. भारत को यातायात और जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखते हुए देश भर में चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए एक मजबूत रीढ़ की आवश्यकता है, क्योंकि इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए बाधाओं को तोड़ना है. हाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले भारत के शीर्ष नौ शहरों को 2030 तक 18,000 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता होगी.
9000 से ज्यादा पब्लिक EV चार्जिंग चालू
बिजली मंत्रालय से मिले इनपुट के अनुसार 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले नौ शहरों जिनमें दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता शामिल हैं के लिए किए गए प्रारंभिक अध्ययन से संकेत मिलता है केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे के अनुसार 2030 तक 18,000 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता है.
वर्तमान में, देश में 16,000 से ज्यादा ईवी चार्जर के साथ 9,000 से अधिक सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की ओर से जारी एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को तेजी से अपनाने की सुविधा के लिए भारत को 2030 तक न्यूनतम 13.2 लाख चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता हो सकती है.
2030 तक 10.60 करोड़ ईवी बिकने की उम्मीद
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CII रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक हर साल लगभग 10 करोड़ 60 लाख ईवी बेची जाएंगी. प्रत्येक 40 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 1 चार्जर का आदर्श अनुपात सुनिश्चित करने के लिए, भारत को सालाना 4,00,000 से अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की आवश्यकता होगी, जिनकी कुल संचयी संख्या 1.32 मिलियन होगी.
सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन फ्यूचर मोबिलिटी (2022-23) के अध्यक्ष और अशोक लीलैंड व जेसीबी के पूर्व सीईओ और एमडी विपिन सोंधी ने कहा कि सरकार ने 2030 तक निजी कारों के लिए 30 फीसदी, कमर्शियल व्हीकल के लिए 70 फीसदी और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत की बिक्री पहुंच हासिल करने का लक्ष्य रखते हुए ईवी को तेजी से अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है इसकी नींव मजबूत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण से रखी जाएगी.
2030 तक 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, देश में 2030 तक सालाना 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री हो सकती है, इससे लगभग 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी. मंत्री ने पिछले महीने के अंत में '19वें ईवी एक्सपो 2023' के दौरान कहा कि वाहन डाटाबेस के अनुसार, देश में 34.54 लाख ईवी पहले से ही पंजीकृत हैं.
सरकार के प्रयासों से देश में दुनिया का शीर्ष ईवी खिलाड़ी बनने की क्षमता है, गडकरी ने जोर देकर कहा कि केंद्र ने मौजूदा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हाइब्रिड और पूरी तरह से ईवी में रेट्रोफिटिंग की अनुमति दी है. भारत के ईवी बाजार में 2030 तक 100 अरब डॉलर के राजस्व के साथ 40 प्रतिशत से अधिक पैठ हासिल करने की क्षमता है, जो मौजूदा 5 प्रतिशत पैठ से काफी अधिक है.
E2W की बिक्री दिसंबर में बढ़ी
पिछले सप्ताह बीएनपी पारिबा इंडिया ईवी रिपोर्ट में कहा गया था कि हाल के अंतराल के बाद इलेक्ट्रिफिकेशन में सुधार के कारण भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई2डब्ल्यू) की बिक्री दिसंबर में साल-दर-साल 17 प्रतिशत बढ़ी है.
E2W क्षेत्र में ओला इलेक्ट्रिक (ओला) वॉल्यूम के हिसाब से बाजार में अग्रणी बनी रही और बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच गई. ओला ने सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल की, उसके बाद बजाज ऑटो का स्थान रहा जबकि टीवीएस मोटर को सबसे अधिक नुकसान हुआ.
11:13 AM IST